Saturday, March 28, 2020

                                  आसान नहीं था - केकवॉक              शब्द - अंशु हर्ष                      राम कमल मुखर्जी का नाम फ़िल्मी दुनियाँ के लेखक और तेजतर्रार पत्रकार के रूप में जाना जाता है। लेकिन हाल ही में राम ने एक शार्ट फिल्म बना कर डायरेक्शन की दुनियाँ में कदम रखा है सिम्पली जयपुर की एडिटर अंशु हर्ष से हुई बात चीत में रामकमल ने फिल्म से जुड़े अपने अनुभव साझा किये                                           अंशु -आपकी फिल्म केकवॉक रिलीज हुई है। कैसा महसूस हो रहा है एक एक नया कदम उठाकर ?           रामकमल-  सच कहूँ तो  मैं भी रिलीज की प्रक्रिया और इसके तकनीकी पहलुओं से जुड़ा हुआ हूं,तो काम के चलते मुझे       वास्तव में पीछे मुड़कर देखने का समय नहीं मिला कि मैं उस लम्हें को  महसूस कर सकूँ 
अंशु - फिल्म का नाम केक वाक क्यों रखा                                                        रामकमल-  कुछ अलग करने का मन था और हमें स्क्रिप्ट पर काफी काम किया , चंद्रोदय पाल मुझसे जुड़े और संवाद पर काम किया। फिल्म का नाम और टैग लाईन  "लाइफ इज़ ए केकवॉक" मेरे द्वारा दी गई थी, क्योंकि मैं कुछ बहुत ही आकर्षक शीर्षक चाहता था जो फिल्म के विषय के साथ जाना चाहिए।
अंशु  -फिल्म के लिए आपने ईशा को क्यों चुना ?                                                   रामकमल- कुछ सालों पहले  मैं ईशा , रितेश देशमुख और सूर्या के साथ एक फीचर फिल्म बनाना चाहता था। लेकिन उस पर काम नहीं हो सका ईशा अभी भी मुझे उस स्क्रिप्ट पर फिर से काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है। जब मैं हेमा मालिनी की बायोग्राफ़ी  बियॉन्ड द ड्रीमगर्ल लिख रहा था, तब मैं ईशा से एक इंटरव्यू  के लिए मिला था। पर उस वक़्त  ईशा अपनी पर्सनल लाइफ में बिजी थी तभी हमने उसके साथ एक शॉर्ट फिल्म करने की सोची। मैं अपने बैनर असॉर्टेड  मोशन पिक्चर्स के तहतबनाना  चाहता था और ईशा से जब स्क्रिप्ट पर चर्चा हुई तो फिल्म में अभिनय करने की शर्त रख दी .
अंशु - ईशा ने एक लेखक और प्रोड्यूसर में एक डाइरेक्टर को कैसे खोजा ?
रामकमल - मुस्कुराते हुए ... मैं भी अचंभित हूँ .....वास्तव में, मैं किसी फिल्म के निर्देशन के बारे में सोचा नहीं था। इसका मुझे कोई व्यावहारिक और तकनीकी ज्ञान भी नहीं था इसलिए डर था। लेकिन मैं उस विश्वास  के लिए ईशा को पूरा श्रेय दूंगा, उन्होंने मुझे यह एहसास दिलाया कि मैं यह कर सकता हूं।आज के समय में हमें ऐसे इंसान नहीं मिलते।
अंशु - आपने फुल लेंथ फीचर फिल्म क्यों नहीं बनाई?
राम कमल - मैंने कोशिश की थी एक बार । निर्देशक के रूप में नहीं, बल्कि एक रचनात्मक निर्माता के रूप में। लेकिन बाद में मुझे अहसास हुआ कि मैंने अपना समय, ऊर्जा और विश्वास गलत लोगों के साथ निवेश किया। यह मेरे लिए  अनुभव था। फिर मैंने अपना सारा प्रयास किसी और के सपने में डाल दिया था, और उनका कोई मूल्य नहीं था। अभी ईशा के साथ ही एक फुल लेंथ फीचर फिल्म की प्लानिंग है और ईशा को अभी दुसरा बेबी होने वाला है तो हो सकता है थोड़ा समय लग जाये इस शुरुआत में . 

अंशु -ऐसा सुनने में आया है कि बंगाली फिल्म भी डाइरेक्ट करने का प्लान है ?
रामकमल - हमने पिछले साल फिल्म की घोषणा की थी।देखते है कब तक हम इस सपने को पूरा कर पायंगे 
 लेकिन जब हमने स्क्रिप्ट का पहला ड्राफ्ट खत्म किया, तो मूल  कहानी जिसकी थी  प्रोजेक्ट को छोड़ कर बाहर हो गया हमनें कहा भी  हम कहानी में कोई बदलाव नहीं करते हैं और इसे ठीक उसी तरह शूट करते हैं जिस तरह से लिखा गया है। जब हमने महसूस किया कि बॉन्डिंग काम नहीं कर पाएगी । वास्तव में हमने कास्ट और लोकेशन को भी लॉक कर दिया था।
अंशु - इनसबके बीच लेखक रामकमल कही खो गए है ?
रामकमल -- नहीं ऐसा नहीं है एक बायो ग्राफ़ी पर काम कर रहा हूँ और एक हिस्टोरिकल फिक्शन भी लिख रहा हूँ जिसके लिए प्रकाशक की तलाश है।  हो सकता है ये पढ़ने के बाद कोई प्रकाशक मुझे अप्प्रोच करे। 
अंशु - सवालों का सिलसिला खतम करने का मन तो नहीं है लेकिन हेमा जी के साथ फिल्म बनाने की कोई योजना है आपकी
रामकमल - हॅसते हुए  अभी तो हेमा जी इलेक्शन में बिजी है और उन्हें फिल्म के लिए अप्प्रोच करने से पहले में इस बात का पूरा ख्याल रखना चाहता हूँ की कहानी और किरदार उनके मुताबिक़ हो।  वैसे ये मेरे लिए भी एक सपने की तरह है की मैं हेमा जी के लिए फिल्म डाइरेक्ट करू . 
Interview Date -14 March 2019 #Interview by #AnshuHarsh #RamKamalMukherjee #Writer #director #producer 
#ishadeol #cakewalk #shortfilm Published in #SimplyJaipur March 2019  
 
 




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