Saturday, December 31, 2011

स्वागत नव वर्ष

स्वागत नव वर्ष


हर साल की तरह

तुमसे है नयी उम्मीदे

और सभी में है नया जोश

तुम्हारा स्वागत करने का

दिन , हफ्ते , महीने

गुजर जायंगे और

तुम भी एक दिन

पुराने हो जाओगे और

फिर शुरू होगा इंतज़ार

तुम्हारे ख़त्म होने का

ताकि फिर नया साल आये

और नयी आशाये नयी उमंगें लाये

और यही सिलसिला चलेगा

साल दर साल .......



Wednesday, December 28, 2011

अमूल्य

में सोना हूँ


शुद्ध और खरा

क्योकि वक़्त की कसौटी पर घिस कर

समय की छलनी से छन कर

सहे है मेने कई कड़क और नर्म वार

और अब संवर गया हूँ

क्योकि वक़्त जिसे आजमाता है

वह अमूल्य हो जाता है ................

कविता

एक दिन बुक शेल्फ में कुछ हलचल महसूस हुई


देखा तो एक किताब जो वहा बरसो से बंद थी

कहना चाह रही थी कुछ .....

उठाकर देखा तो किसी कवि की कविताओं का संग्रह था

पन्ने पलट कर देखा तो कवताए बड़ी उदास

फीकी मुस्कराहट के साथ बोली

हर कवि कविता लिखता है .....

हर विषय का ख़याल रखता है

कभी हाल ए दिल तो कभी दिमाग लिखता है

कभी प्यार मोहब्बत , तो कही दर्द और रुसवाई लिखता है

कही उल्लास , उमंग , प्रोत्साहन और नवजीवन लिखता है

पर कभी किसी ने कविता पर कविता लिखनी चाही ??

जीवन के हर पहलू को शब्द देती

फिर भी किसी के मन में ये बात आई ??

जो हर जज्बात की अभिव्यक्ति है

मन में उमड़ती बदली जो बरसती है

कविता बन पन्नो पर दिल का दर्द लिखती है

कविता से इस सवाद को मेने कविता बना दिया

और एक दिन उसे सुना उसका दर्द भुला दिया

फिर वह मुस्कुराई ...फिर से चहकने लगी

आज कविताओं की किताब फिर से दमकने लगी //

Thursday, December 8, 2011

आज भी

बचपन में जब ऊँगली थाम कर आपने चलना सिखलाया था थोडा खुश और थोडा डरा सा में दो कदम चल पाया था ..... आज चल भी पाता हूँ और मंजिल के करीब भी हूँ सक्षम भी हूँ और निडर भी हूँ ........फिर भी जरूरत महसूस होती है उस हाथ की जो अद्रश्य मेरे साथ है पर महसूस करना चाहता हूँ उन उंगलियों की पकड़ आज भी ...........