Saturday, August 20, 2011

कान्हा की मुरली


बना लो अपने मन और जीवन को
इतना सरल और सहज
की राग द्वेष और अहंकार से
मन रहे बिलकुल विरक्त
क्योकि उसी खालीपन में महसूस होगी
कान्हा की मुरली की धुन ......

Friday, August 12, 2011

शब्दों का समंदर


ख़ामोशी में है शब्दों का समंदर
जब कभी खामोश रहती हूँ ...
उस समंदर में डूब कर
मन के जाल में कई शब्दों को पकड़ लाती हूँ ......
शब्द कुछ जाने कुछ अनजाने
कुछ अपने कुछ बेगाने
कही जोड़ कर कही तोड़ कर
कुछ अनुभव और कुछ हसरते
एक नयी रचना बना कर आती हूँ ....
जब कभी खामोश रहती हूँ .....