Friday, March 15, 2013

बचपन

उम्र बढ़ रही है पर बचपन नहीं जाता
या यु कहु की मैं उस बच्चे को भेजना नहीं चाहता
भूल जाउंगा खुद को गर वो चला गया
नादान हु खुद के सिवा कुछ सोचना नहीं चाहता
वो है तो जिद है कुछ कर गुजरने की
बड़प्पन में समझदारी है डर है कुछ किया नहीं जाता .
दिल के किसी कोने में बसी है आज भी तुम्हारी याद
बचपन के उस प्यार को मैं भुलाना नहीं चाहता .......

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