उम्र बढ़ रही है पर बचपन नहीं जाता
या यु कहु की मैं उस बच्चे को भेजना नहीं चाहता
भूल जाउंगा खुद को गर वो चला गया
नादान हु खुद के सिवा कुछ सोचना नहीं चाहता
वो है तो जिद है कुछ कर गुजरने की
बड़प्पन में समझदारी है डर है कुछ किया नहीं जाता .
दिल के किसी कोने में बसी है आज भी तुम्हारी याद
बचपन के उस प्यार को मैं भुलाना नहीं चाहता .......
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