Thursday, November 10, 2011
शक्ति स्वरूपा का साकार रूप
एक छोटी सी बच्ची को देखा .....
उम्र यही कोई तीन साल की
चोबीस घंटे के साथ में
उसने ना जाने अपने
कितने रूप दिखाए
कभी रसोई में खाना बनाया ..
कभी माँ बन अपनी गुडिया को सुलाया
और कभी थेला टांग साइकल पर बैठ
बाजार जाने का मन बनाया
कभी बन टीचर बच्चो को पढाया
और कभी अपने असली रूप में आ
खुद अपनी माँ की गोद में सर टिकाया
यह सब देखने के बाद मन में आया
इश्वर ने इस लड़की नामक कृति को
क्या खूब बनाया है
इतनी से उम्र में सब समझ में आया
की सिर्फ बेटी बन कर नहीं जीवन चलाना
बहन, दोस्त पत्नी और बहु......
टीचर से ले कर और भी काम है बहुत
हर क्षेत्र में नाम है कमाना
वास्तव में तब समझ में आया
सब देवताओं ने अपनी अपनी शक्तियों से
देवी को बनाया
और शक्ति स्वरूपा का साकार रूप लिए
इस धरती पर लड़की का अवतरण करवाया /
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