Friday, October 8, 2010


लड़की

लड़की उस नन्हे पोधे की तरह ,
जिसे एक बाग़ से उठा बागबान
दुसरे उपवन में लगाता है ...
लेकिन फर्क आ जाता है ,
हवा परिस्थिति ओर माली का
फिर भी जम जाती है जड़े
नए वातावरण में .....
खिलते है फूल ओर खुशबू भी महकती है
क्योकि सुद्रढ़ होते है संस्कार
उसकी नन्ही जड़ो में ................

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