Saturday, October 16, 2010


एक पहलू जीवन का

जीवन सागर के उस किनारे जैसा
जिसमे समय के साथ कभी
शंख ,सीप मोती मिलते है
तो कभी टूटी फूटी बुरी वस्तुए भी
ओर इन सबका आना होता है
लहरों के साथ ओर
ये तेज ओर धीमी लहरे
जीवन में आने वाले हर शख्स
का बोध करवाती
जैसे किसी के आने से
सुख की अनुभूति होती है ओर
किसी के जाने से ....

No comments:

Post a Comment