Tuesday, September 21, 2010


माँ का आँचल .....

माँ का आँचल उस शीतल आसमान की तरह
जो दिन की कड़ी धुप के बाद शाम को ठंडक देता है ..
ओर जिसमे चाँद अपनी कलाओ के साथ छोटे से बड़ा होता है
ओर वो आसमान उसको देख कर भावमय रहता है ...

माँ का आँचल उस सागर की तरह
जिसमे दिन भर ना जाने कीतनी तरंगे उठती है पर
पर पास आ कर प्यार से छूने वालो को
वो लहरे प्यार भरा सुकून देती है ...

माँ का आँचल उस अँधेरे कमरे में दिए के सामान
जिसके तले आते ही जीवन के हर अंधरे मिट जाते
ओर उजालो के बदले इस दिए में
प्रेम ओर आदर डाले जाते ....

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