Sunday, April 25, 2010

में नहीं दूंगा तुम्हे तुम्हारी हर समस्या का हल ,
फिर भी सुनुगा तुम्हारे जज़्बात और
साथ बैठ निकालेंगे हल :

में नहीं बदल सकता तुम्हारे अतीत के पल और भविष्य के कहानिया
पर अभी हु तुम्हारे साथ इस पल :

में नहीं रोक सकता तुम्हारे कदमो को डगमगाने से ,
सिर्फ दे सकता हूँ अपना हाथ संभलने के लिए :

तुम्हारी जिदगी के फैसले तुम्हारे अपने होंगे ,
में दूंगा उन्हें सहारा , उत्सा ह और मदद
जब तुम चाहोगे :

में नहीं रोक सकता तुम्हारे दिल को टूटने से ,
पर तुम्हारे पास हूँ तुम्हे सहारा देने और उन टुकडो को जोड़ने के लिए :

मेरी दोस्ती के तुम्हारे जीवन में कोई बंदिशे नहीं होगे ,
में नहीं चाहता तुम उन बेडियों में उलज जाओ ,
सिर्फ जियो मेरे साथ उत्साह उमंग और बिना शर्तो के साथ :

में नहीं बता सकता कोंन हो तुम
पर में हूँ तुम्हारा दोस्त ............एक सुल्ज़ी हुई दोस्ती के साथ

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