Tuesday, November 27, 2012

सपनो के नए रंग

 
एक छोटी सी चिड़िया ....
उड़ने को आतुर
पर मन में घबराहट
विस्तृत नील गगन को देख
और एक दिन ....
मिला एक साथी
जो उड़ता था उन्मुक्त गगन में
पुकारा उसने चिड़िया को
चलो एक नयी उड़ान दे सपनो को
चिड़िया घबराई पर
थाम कर हाथ
अपने साथी का
पंख पसार खुले गगन में आई ..
सपने खिले नया रंगों में ...
पंखो में नयी जान आई
अब चिड़िया भर रही उन्मुक्त उड़ान
इन्द्रधनुषी रंगों से दुनिया रंगीन बनायीं .

 

1 comment:

  1. सच है...किसी अपने का साथ हिम्मत देता है...और खुशियाँ भी...
    बहुत सुन्दर रचना.

    अनु

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