Wednesday, December 28, 2011

कविता

एक दिन बुक शेल्फ में कुछ हलचल महसूस हुई


देखा तो एक किताब जो वहा बरसो से बंद थी

कहना चाह रही थी कुछ .....

उठाकर देखा तो किसी कवि की कविताओं का संग्रह था

पन्ने पलट कर देखा तो कवताए बड़ी उदास

फीकी मुस्कराहट के साथ बोली

हर कवि कविता लिखता है .....

हर विषय का ख़याल रखता है

कभी हाल ए दिल तो कभी दिमाग लिखता है

कभी प्यार मोहब्बत , तो कही दर्द और रुसवाई लिखता है

कही उल्लास , उमंग , प्रोत्साहन और नवजीवन लिखता है

पर कभी किसी ने कविता पर कविता लिखनी चाही ??

जीवन के हर पहलू को शब्द देती

फिर भी किसी के मन में ये बात आई ??

जो हर जज्बात की अभिव्यक्ति है

मन में उमड़ती बदली जो बरसती है

कविता बन पन्नो पर दिल का दर्द लिखती है

कविता से इस सवाद को मेने कविता बना दिया

और एक दिन उसे सुना उसका दर्द भुला दिया

फिर वह मुस्कुराई ...फिर से चहकने लगी

आज कविताओं की किताब फिर से दमकने लगी //

No comments:

Post a Comment