Tuesday, January 25, 2011

उम्मीद


उम्मीद से तो दुनिया कायम है ..
उम्मीद सकारत्मक हो तो नया सृजन होता है
उम्मीद नकारात्मक हो तो सब ध्वस्त होता है
उम्मीद खुद से हो तो हर पल नया जन्म होता है
उम्मीद दुसरो से हो तो रिश्तो का पतन होता है .......

चिड़िया घर की सेर



जब पिंजरे में केद देखा

रंग्बीरंगी चीड़ीया को

मन हो गया उदास क्योकि ...

पंख दे कर उड़ान में विघ्न डालना

मुझे है नापसंद ,

पर शांति दूत ये पक्षी ,

सहन करते है इस बंधन को

क्योकी

जानते है वो ....

प्रकर्ति पर कलियुग का है प्रकोप

ऑंधी चली, बिजली कड़की, ओले गिरे,

बेमौसम बरसात का भी है जोर

कोंन करेगा रखवाली हमारी

यहाँ चारदीवारी में केद है

पर ........

सब अपने है , सब साथ है ,सुरक्षित है .

Saturday, January 1, 2011

नया साल


नयी उमंग नयी तरंग
सूरज की वो नयी किरण
नयी चाहत नयी राहत
नए रास्ते नयी मंजिले
नयी रीत और नयी जीत
नयी कोपले नए फूल
नए चमकते हुए सितारे
नयी सुबह का नया आँचल
नया उजियारा फेलाए
यही आशा है नव वर्ष
सबकी जीवन बगिया में
नए नए फूल खिलाये
अंशु हर्ष