Tuesday, August 17, 2010


मंदिर में तेज ध्वनि में आरती ,
मज्जिद में अजान के के स्वर ,
चर्च में होती प्रार्थना ,
गुरुद्वारा में कीर्तन के बोल .......
पर फिर भी
मौन प्रार्थना जल्द पहुचती है इश्वर तक ,
क्योकी मुक्त्त होती है वो शब्दों के बोझ से .............

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