सुखी रेत पर पानी की कोई बूँद गिरी
तुमसे मिल कर ये रूह कुछ इस तरह खिली
वादियों में फूल खिलने लगे कुछ इस तरह
नूर की बूँद इन जड़ो को जैसे आज मिली
मोहब्बत के फ़रिश्ते बन कर तुम ऐसे आये हो
अँधेरी रात को सितारों की जैसे सौगात मिली
तुमसे मिल कर ये रूह कुछ इस तरह खिली
वादियों में फूल खिलने लगे कुछ इस तरह
नूर की बूँद इन जड़ो को जैसे आज मिली
मोहब्बत के फ़रिश्ते बन कर तुम ऐसे आये हो
अँधेरी रात को सितारों की जैसे सौगात मिली
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