तुमसे है मेरे आँगन में धुप और छाया
तुम ही से तो मेरे बाग़ में फुल मुस्कुराया
तुम हो तो कड़ी धुप भी सुहानी लगती है
तुम से तो बारिश की बूंदे रूहानी लगती है
तुम हो मेरे घर के मंदिर की पूजा
तुम हो गणपति के चरणों की दुर्वा
तुम हो तो रोशन है दिवाली के दिए
तुम से निखरे है होली के रंग खिले
तुम हो भाई की कलाई पर चमकती डोरी
तुम से ही होती है त्यौहार की रोनक पूरी
तुम हो तो एक आस है विश्वास है
तुम से जीवन की हर बात में मिठास है .
तुम हो बेटी मेरे जीवन का मान ,
तुम से ही है लाडली सुख और सम्मान .
बहुत बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति अंशु जी....
ReplyDeleteवाकई बेटियों सा प्यारा ईश्वर के कुछ और नहीं बनाया....
अनु