Joy Of Overthinking
My writing is the Painting of my thoughts
Friday, May 11, 2012
भ्रम
उसकी बातो के फूल
झरते हुए बहुत खूबसूरत लग रहे थे
में निहार रहा था उन्हें अपलक -निरंतर
लेकिन जब दूरी कम हुई तो अहसास हुआ
ये फूल नहीं साबुन के बुलबुले है
जो पास आते ही बिखर गए और
दे गए चुभन आँखों में .................
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