एक खाली कागज़ का टुकडा
थमा दिया तुमने मेरे हाथ
पहले तो में समझ नहीं पाया
क्योकि शब्द नज़र नहीं आ रहे थे उसमे
लेकिन महक रहा था कोना कोना और
दमक रहा था कोरा कागज़
फिर में समझा
तुमने अपनी ज़िन्दगी थमा दी है मुझे
और मुझे इसमें इन्द्रधनुष के रंगों से
रंगीन शब्द लिखने है हमारी ज़िन्दगी में ......
क्यों सही समझा ना में .....?