वरद हस्त शक्ति तुम्हारा मेरे सर पर सदा रहे
प्रेम पुण्य ,करुनामय आँचल से सदा अमृत बरसता रहे /
गदा ,ढाल ,धनु ,चक्र ,खडग ,बाण कर में धारण करती
त्रिनयना ,अग्निस्वरूपा शरणागत का संकट हरती
लालिमा युक्त वस्त्र सर्व मंगल कारिणी
ईशान पत्नी ,आदि शक्ति नमस्कार तुम्हे नारायणी
सर्व सिद्धि ,सर्व शक्ति , सारा सर्व कारिणी
भगवती ,अम्बिका भक्तो की आश्रय दायनी सरस सुपावन शक्ति तुम ,सर्व जगत की स्वामिनी.
No comments:
Post a Comment