वो राह जिस पर हम चले जा रहे थे
बहुत कांटो भरी थी ,
असहनीय दुःख दर्द का अहसास ,
तुम्हारी तकलीफ से बड़ा दर्द होता था मुझे
और अचानक राह में एक मोड़ आया
जहा से मुड़ गए हम नयी राह के लिए
जुदा होकर, जुदा हो गयी राहे
और अचानक इतने बरसो बाद
फिर मिल जायंगी राहे
सोचा ना था .
लेकिन रूह को सुकून मिला है
तुम्हारी ख़ुशी देख कर
और नाज़ हुआ मेरे रूहानी प्रेम पर .
बहुत कांटो भरी थी ,
असहनीय दुःख दर्द का अहसास ,
तुम्हारी तकलीफ से बड़ा दर्द होता था मुझे
और अचानक राह में एक मोड़ आया
जहा से मुड़ गए हम नयी राह के लिए
जुदा होकर, जुदा हो गयी राहे
और अचानक इतने बरसो बाद
फिर मिल जायंगी राहे
सोचा ना था .
लेकिन रूह को सुकून मिला है
तुम्हारी ख़ुशी देख कर
और नाज़ हुआ मेरे रूहानी प्रेम पर .