Monday, June 6, 2011
Wednesday, June 1, 2011
वक़्त है गुज़र जायगा
अमावास की अँधेरी रात है फिर भी
तारो से रोशन जहां है
कल फिर से चाँद आयगा
वक़्त है गुज़र जायगा .........................
जेठ की तपती दुपहरी है
सूरज भी कडा प्रहरी है
कल रिमझिम सावन आयगा
वक़्त है गुज़र जायगा ..........
एक नन्हा सा बीज बोया है
जल से सींचा और हिफाजत से संजोया है
कल पेड़ बन फलो से लड़ा नज़र आयगा
वक़्त है गुज़र जायगा ......................
जिन्दगी अनसुलझी पहेली है
जितना सुलझाओ उतनी उलझी है
श्रद्धा और सबूरी ही जीवन में काम आयगा
वक़्त है गुज़र जायगा .................
वक़्त अनमोल है गतिशील है
इसको गवाया अगर
तो एक दिन ये हमे गवायेगा
वक़्त गुज़रा है
कल , आज और कल भी गुज़र जायगा ............
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