Tuesday, May 3, 2011

परदेस में .......


परदेस में .......
ऊँची आसमान छूती इमारते के बादल भी हाथ को छु जाये
जमीन की गहराइयों में सजा बाज़ार और उससे भी कही नीचे मेट्रो का सफ़र
लेकिन फिर भी इंसानी दिलो में उस ऊंचाई की कमी जो अपनों को सातवे आसमान पर पहुचाती है
और दिल की गहाराइयो में वो कमी जो किसी को दिल में बसाती है /